The Definitive Guide to sidh kunjika
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभासुरघातिनि ।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
Salutations to the Goddess who may have the shape of root chants Who with the chant “Goal” has the form of your creator Who from the chant “Hreem” has the form of 1 who normally takes care of every thing And who via the chant “Kleem” has the shape of passion
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
It retains the here ability to deliver enlightenment throughout the contrasting energy of Shiva and Shakti and offers more than enough electrical power to encounter both equally energies at the same time, which, consequently, helps you realize your individual Vitality.
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जंभनादिनी ।